सुभांशु (शुभांशु) शुक्ला वर्तमान में भारत का सबसे चर्चित अंतरिक्ष यात्री हैं—अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे नागरिक, राकेश शर्मा (1984) के बाद ।
👨✈️ पृष्ठभूमि और शिक्षा
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जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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स्कूल: सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज कैंपस, लखनऊ
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उच्च शिक्षा: NDA (कंप्यूटर साइंस बीएससी), IISc बेंगलुरु से MTech (एयरोस्पेस इंजीनियरिंग)
🇮🇳 भारतीय वायुसेना में करियर
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17 जून 2006 में कमीशन—2,000+ घंटे उड़ान अनुभव (Su‑30MKI, MiG‑21, MiG‑29, Jaguar, Dornier, AN‑32…) 2019 में विंग कमांडर, अब ग्रुप कैप्टन रैंक
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2019: ISRO‑NASA‑SpaceX की Gaganyaan तैयारी में चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक प्रशिक्षण: रूस (GCTC), ESA जर्मनी, JAXA जापान और ISRO‑बेंगलुरु में विस्तृत प्रशिक्षण
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जून 2025: Axiom‑4 मिशन (Ax‑4) के पायलट के रूप में शामिल—SpaceX के Falcon 9 पर 25 जून को लॉन्च, ISS पर 26 जून को डॉक
🛰️ Axiom‑4 मिशन की उपलब्धियाँ
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18 दिन की मिशन अवधि, ISS पर 7 माइक्रोग्रैविटी प्रयोग सफलतापूर्वक पूरा
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मूनगे और मेथी की खेती जैसे जैव-प्रयोगों के माध्यम से भारतीय वैज्ञानिकों का “ब्रिज” यानि सेतु का काम करते हुए ISS पर अनुसंधान किया
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चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी नियमित कार्य जैसे हेयरकट, वाइप्स से सफाई, वगैरह में खुद को ढाला
🌍 अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय सम्मान
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ISRO की ₹550 करोड़ की गगनयान‑पूर्व मिशन तैयारी को मजबूत अनुभव मिलता है
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PM मोदी ने शुक्ला को फालोडाउन के बाद बधाई दी
✈️ संक्षेप में
जानकारी | विवरण |
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लखनऊ से अंतरिक्ष तक | साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि—अब भारत के अंतरिक्ष इतिहास का अभिनव हिस्सा |
सबुर और अनुशासन | चौकन्ना टेस्ट पायलट, बहु‑एजेंसी अंतरिक्ष प्रशिक्षण |
वैज्ञानिक योगदान | माइक्रोग्रैविटी में भारतीय विज्ञान की उपस्थिति |
सुभांशु शुक्ला सिर्फ भारतीय वायुसेना का गर्व नहीं, बल्कि गगनयान‑आधारित हमारे भविष्य की क्षमता, दक्षता और वैश्विक भागीदारी का प्रतीक बन गए हैं।
यदि आप उनके मिशन के अनुभव, प्रयोगों या अगली परियोजनाओं के बारे में और जानना चाहें—तो निसंकोच पूछें!